जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥ तीनों लोक हाँक तें काँपै ॥२३॥ भूत पिसाच निकट नहिं आवै । किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥ कल्याणकारी शिवयोग में मनेगा महाशिवरात्रि का पावन पर्व, जानिए खास बातें शंकर हो https://hindubhajan.in/hanuman-chalisa/