जमुना तीरे समीर थोड़ी मंद मंद चले
ब्रिज की रज में भी सुगंध मेरे गोविंद की मिले
नटखट नटवर नागर नंदलाला
हे मुरलीधर कान्हा साँवरे हे गोपाला
हे बंसीधर मोहक सलोने हे गोपाला
नंदनवन में वेणु बजैया आज भी नर्तन करें
वृंदावन के नर नारी रल मिल संकीर्तन करें
सोहे मोर मुकुट माथे कंठे वैजन्ती माला https://bhaktigangaflow.blogspot.com/